POEMS BY MANOJ KAYAL
रुसवाई की आग उन्होंने ऐसी लगाई
हमें ख़बर भी ना हो पाई
ओर आशियाना दिल का जल उठा
बेबस पथरीली आँखों से आसमा निहारते रहे
पल भर में ही दिल जलकर राख हो गया
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