POEMS BY MANOJ KAYAL
सूर्य उदय हो आया
पूरब में लालिमा निखर आई
पंछियो ने शोर मचाया
जागो भोर हो आई
खिली खिली धुप से
जीवन अंकुरित हो चला
नई सुबह के आगमन को
मन आह्लादित हो चला
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