POEMS BY MANOJ KAYAL
तेरे आगमन से मन गृह खिल उठा
दिल का आँगन जगमगा उठा
अंधेरे को चीर प्यार की रोशनी लिए
निर्मल पावन कांति मृदुल उज्वल
प्रभा घटा चली आई
दृष्टि प्रेम की दिव्य आभा से झिलमिला उठी
तुम जो आए तो दिवाली चली आई
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