POEMS BY MANOJ KAYAL
जिसने है मात पिता का स्नेह पाया
उसने है सबसे अनमोल आर्शीवाद पाया
मात पिता के स्नेह आगे
हीरे पन्ने की चमक है फीकी
जिनके आगे स्वयं शीश झुकावे परमदेव
उनसे बड़कर दूजा ना कोई ओर
जिसने है इस राज को जाना
उसने है जीवन को पहचाना
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