POEMS BY MANOJ KAYAL
जब धरती मिले अम्बर से
अम्बर बरसे बन के बादल
बादल लेके आए पानी की फुहार
पानी मिले सागर में जाए
सृष्टि के कण कण में
अमृत की धारा बन जाए
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