POEMS BY MANOJ KAYAL
भटकता रहा चहु ओर
शान्ति मिली ना किसी ओर
ज्ञान हुवा तब
मात पिता का करो ध्यान
इनके ही श्री चरणों में विराजे चारो धाम
इनकी सेवा से अमन मिले
इनके आर्शीवाद से ही राम मिले
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