POEMS BY MANOJ KAYAL
एक नई धारा का सृजन हो रहा है
प्राचीन और नव युग का अद्भुत संगम हो रहा है
आधुनिकता के इस युग में
नई कलात्मक कृतियों का उदय हो रहा है
एक नए संसार का शुत्रधार हो रहा है
नए भविष्य की कल्पना का सपना साकार हो रहा है
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