POEMS BY MANOJ KAYAL
ओ सनम हर जन्म दिल का दरवाज़ा खुला रखना
जब भी याद सताए मेरी दौडी चली आया करना
जब कभी मन हो उद्दास
हमें तुम याद करना
यादो को दिल में छिपाए रखना
लबों पे मेरे गीत सजाये रखना
हर जन्म दिल का दरवाजा खुला रखना
No comments:
Post a Comment