POEMS BY MANOJ KAYAL
धूम धड़का होने दो
खेल अजब गजब चलने दो
मारो ताली पीटो ढोल
प्यार की बारिस होने दो
खिले फूल छुटे फुल्झडिया
मुस्कान रोनक भरी आने दो
बज रही शहनाई
दुल्हन को घर आने दो
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