POEMS BY MANOJ KAYAL
हर कहानी अधूरी है
हर मंजिल अधूरी है
न जाने क्यो सब जल्दी में है
इस भागम भाग में आगे निकलने की होड़ है
सपने चाहये रहे अधूरे
पर झूटे सुख की तलाश में भागना जरुर है
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