POEMS BY MANOJ KAYAL
निगाहें हटती नही
नजरे थकती नही
रूप ऐ देख पलके झुकती नही
सागर सी गहरी झील सी सुंदर ऐ आँखे
नजरे हटने देती नही
शरमा के यू मुस्कराना
पलके बंद होने देती नही
खूबसूरती समां गई आँखों में
निगाहें अब कुछ ओर तकती नही
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