POEMS BY MANOJ KAYAL
जिन्दगी तेरा आखरी मुकाम क्या है बता जा
भविष्य के दर्शन करा जा
मौत गले मिले उससे पहले जीने की कला सिखा जा
नश्वर जीवन को सार्थक बनाजा
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