POEMS BY MANOJ KAYAL
ऐ भारत के शूरवीरों
जनम भूमि का बुलावा आया है
सरहद पे दुश्मन ने ललकारा है
मार उसे भगाना है
नाको चने चबाना है
देश की रक्षा के लिए
प्राण न्योछावर कर जाना है
बलिदान की मिशाल बनाना है
आखरी साँस तक लड़ते हुए
शहीद हो जाना है
माटी का कर्ज चुकाना है
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