POEMS BY MANOJ KAYAL
वो पल भी आयेगा
जब हम ना होंगे
सिर्फ़ यादे होंगी
दिल की किताबो में
दफ़न एक अध्याय होगा
एक भूली दास्ता होगी
समय के साथ साथ
गर्त से ढकी किताब होगी
मानस पटल पर ना कोई छाप होगी
सिर्फ़ गुमनामी की गलिया में
खोई एक ओर कहानी होगी
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