Friday, September 4, 2009

गुमनामी

वो पल भी आयेगा

जब हम ना होंगे

सिर्फ़ यादे होंगी

दिल की किताबो में

दफ़न एक अध्याय होगा

एक भूली दास्ता होगी

समय के साथ साथ

गर्त से ढकी किताब होगी

मानस पटल पर ना कोई छाप होगी

सिर्फ़ गुमनामी की गलिया में

खोई एक ओर कहानी होगी

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