POEMS BY MANOJ KAYAL
ना जाने क्यो ऐतबार है
अब भी एक विश्वास है
मिलेंगी नई मंजिले
राहें होंगी फिर आसान
खुलेंगे किस्मत के बंद दरवाजे
एक नई सुबह के साथ
एक नए जीवन की शुरआत होगी
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