POEMS BY MANOJ KAYAL
उन रिश्तो को क्या नाम दे
बात जो दिल की हो
उसे लफ्जो में कैसे वया करे
जो पवन हो उसे क्या जुबा दे
कैसे उन रिश्तो को नाम दे
खुदा की निमत हो जिनपे
कैसे उन रिश्तो को ना स्वीकार करे
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