POEMS BY MANOJ KAYAL
ओ मेरे नहने कमल
इन आँखों का नूर है तू
अभिमान है तू
तेरे खिलने से बगिया महकी
तेरी नटखट बाल अदाओ पे मन मुस्काये
तेरे में अपना अक्स नजर आए
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