POEMS BY MANOJ KAYAL
जी करे इन हसीन वादियों में रच जाऊ
फूलो की खुसबुओ में घुल जाऊ
प्रकृति की इस अनुपम घटा में खो जाऊ
इस खुबसूरत लहमे में सारे गम भूल जाऊ
कल कल बहते जल प्रपातों के संगीत में दुनिया भूल जाऊ
इस नैसर्गिक सौन्दर्य को जीवन आत्मसात कर जाऊ
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