Wednesday, September 23, 2009

होसले

प्रचंड वेग नदी की धार पर कर सवारी तू

कर होसले बुलंद कदम आगे बढाये चल

जोश भर उमंग भर आगे ही आगे बढता चल तू

सफलता के अश्व पे विराजमान रह तू

समय को गुलाम बना तू

कामयाबी के नए कीर्तिमान बना तू

मंत्र कुंजी जो पाई उसे बाटता चल तू

हो सिंह पे सवार जीत का जश्न मना तू

इतिहास के पनों में स्वर्णिम अक्षरो से नाम लिखा तू

चल थाम कामयाबी के दामन को

ओर प्रचंड वेग से आगे बढता चल तू

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