POEMS BY MANOJ KAYAL
नजाकत और सुन्दरता की
खुबसूरत संगम हो तू
शबमी बूंदों में लिपटी
जैसे कोई अप्सरा हो तुम
प्यार का सागर छलकाती
मोहन की मीरा हो तुम
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