POEMS BY MANOJ KAYAL
जीवन कण कण में मधुर स्वर लहरी बन तुम बसी हो
आइना जो देखू तो तेरी ही तस्वीर नजर आवे
मुख जो खोलू तू तेरा ही नाम लबों पे आवे
दिल कहे तेरी परछाई अब ना दूर जावे
तेरे बेमिसाल सोंदर्य खयालो में खोये रहे
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