RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Saturday, September 19, 2009
दीदार
हवाओ से कह दो रुख बदल ले
सर से आँचल सरक ना जाए
घूँघट से चाँद निकल ना आवे
बिन ईद दीदार हो ना पावे
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