POEMS BY MANOJ KAYAL
शक्ति रूपा दुर्गा लक्ष्मी रूप धर अंगना पधारी है
मनोकामना पूर्ण हुई
घर खुशिया अपार छाई है
बिट्या दुलारी का नामकरण हुआ
दादा दादी बाँट रहे मिठाई है
दुआ हमारी भी ढेर सारी
जग में नाम करे भारी
इसकी भी महिमा गावे दुनिया सारी
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