RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, September 25, 2009
जय माता दी
हो के सिंह पे सवार
माता आई भक्तो के पास
ओड़ चुनरिया लगा के मेहँदी
थामे हाथ में भाला
पहने गले में माला
माता चली आई भक्तो के पास
गूंज रही हर गली गली
माता की ही जयकार
करके दर्शन भक्तो
करलो पूर्ण अभिलाषा आज
माता आई है अपने भक्तो के पास
जय माता दी
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