POEMS BY MANOJ KAYAL
भारत की पावन भूमि का खुबसूरत नजारा है
कहि मन्दिर की घंटी तो कहि अजान की स्वर लहरी
एक ही अम्बर तले बसे सारे महजबी
महजब भिन जाती भिन फिर भी अमन चैन
क्योकि लोगो के दिलो में बसे भारतीयता का प्रेम
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