रंगत है गुलाल की
खुशबू है गुलाब की
धडके जो दिल में
पहचान है प्यार की
चाँदनी है चाँद की
मादकता है शराब की
तस्बीर जिनकी नजरो में
पहचान है आशिके गुलाम की
रंगत है गुलाल की
खुशबू है गुलाब की
धडके जो दिल में
पहचान है प्यार की
चाँदनी है चाँद की
मादकता है शराब की
तस्बीर जिनकी नजरो में
पहचान है आशिके गुलाम की
मैं तो खेलू होली मेरे सावरिया गिरधारी के संग
नाचू खूब उडाऊ गुलाल मुरली मधुर की बांसुरी तान पे
श्याम वरन रंग जाऊ अपने नटवर के साथ
मोहे भाये ना कोई दूजा रंग प्यारा लागे श्याम रंग
मैं तो खेलू होली मेरे माखन चोर के संग
रिश्ता प्यार भरा हो
जिसमे अपनापन हो
फूलो की तरह जो महके
पंछियों की तरह जो चहके
संगीत की जिसमे सरगम हो
नगमो की जिसमे साज हो
ईश्वर की जिसमे आराधना हो
ऐसा रिश्ता मेरा तेरा हो
करले करले तू एक मुलाकात करले
ना चाहते हुए भी हम से प्यार करले
करले करले तू एक मुलाकात करले
थोडी सी मोहलत हम को तू दे दे
दिल अपना दिखलाने की इज्जाजत दे दे
करले करले तू एक मुलाकात करले
थोडी इज्जाजत हम को भी दे दे
एक बार प्यार करने का मोका हम को भी दे दे
करले करले तू एक मुलाकात करले
प्यार के जहा में खो जाने की इज्जाजत दे दे
प्यार में दुनिया भूल जाने का सबक हम से सीख ले
करले करले तू एक मुलाकात करले
अब चाहत ओर ना रही
कुछ पाने की लालसा ओर ना रही
जीने की तम्मना ओर ना रही
दिलो को रुलाने की तम्मना ओर ना रही
बदलते रंगों में जीने की तम्मना ओर ना रही
तन्हा रहने की आदत ओर ना रही
जिन्दगी जीने की तम्मना ओर ना रही
हर लहमो के लिए कुछ लिखा
पर अपने लिए कुछ ना लिखा
वक्त ही ना मिला
कब लहमा गुजर गया
पता ही ना चला
तमना अधूरी रह गई
ओर जिन्दगी गुजर गई
स्नेह स्नेह स्नेह बढा
हम दोनों के बीच प्यार बढा
हौले हौले इकरार बढा
दिलो में एक दूजे के लिए लगाव बढा
आहिस्ते आहिस्ते एतबार बढा
एक दूजे के संग जिन्दगी
जीने का रंग चडा
नजाकत और सुन्दरता की
खुबसूरत संगम हो तू
शबमी बूंदों में लिपटी
जैसे कोई अप्सरा हो तुम
प्यार का सागर छलकाती
मोहन की मीरा हो तुम
हर लहमा तुम्हे याद करते है
जीने के लिए तेरे प्यार की पनहा मांगते है
तेरे प्यार में खुदा से लड़ जाने का जज्बा रखते है
तू जो हां कह दे तो तुझे अपनाने का होंसला रखते है
मुश्किल घड़ी पड़ी
याद किया ईश्वर को
संकट जो टला
पल ही दो पल में
भूल गए ईश्वर को
आदत ना बदली
छलना ना छोड़ा ईश्वर को
दो मुहें मानव की नोटंकी के आगे
फिसल जावे ईश्वर हो
मुश्किल घड़ी टलते ही
भूल जावे ईश्वर को
आ फिर चले बैठे सागर के पास
खो जाए सागर की लहरों में
थामे रहे एक दूजे का हाथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
करे दिल की बात
ना छूटे एक दूजे का साथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
लहरों पे डोलती नैया से सीखे ये बात
मुश्किल घड़ी भी बना रहे अपना साथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
सागर की हलचल से ले ले ऐ अहसास
प्यार की नही कोई पहचान
आ फिर चले बैठे सागर के पास
दिल आज शायर हो रहा है
परियो के मेले में हुस्न की
शहजादी को को तलाश रहा है
तराने नए गा रहा है
लैला लैला पुकार रहा है
नगमे प्यार भरे सुना रहा है
दिल आज शायर हो रहा है
कितनी खुबसूरत ये सृष्टि है
हर पल अलग अलग नजारे है
कही धुप तो कही छाव है
बड़ी सुंदर ये रचना है
कही बसंत तो कही पतझड़ का मेला है
कल्पना से परे ये अजबूझ पहेली है
कुदरत की ये बेमिशाल कृति है
ये शोभाग्य हमने पाया
आप को पितृ रूप में पाया
प्यार का पाठ आप ने पढाया
उन्नति मार्ग हमको दर्शया
इस पितृ ऋण को कभी ना चुका पायेंगे
वचन जो दिया पूर्ण कर जायेंगे
ये जीवन आप के चरणों में
समर्पण कर जायेंगे
गर्व के संग आप का अंश कहलायेंगे
नाम आप का अमर कर जायेंगे
पितृ स्नेह की कथा
भविष्य को अर्पण कर जायेंगे
हुस्न की महफ़िल में तुम्हारी कमी थी
काँटो के बीच गुलाब की कमी थी
सूरज के साथ चाँद की कमी थी
रंगों की भीड़ में रोनक की कमी थी
अजनबियों के बीच अपनों की कमी थी
एक तुम्हारे बैगर हर महफ़िल अधूरी थी
पलके खुले तेरा चाँद सा चेहरा नजर आए
मुख खुले तो तेरा ही नाम लबों पे आए
जब सुने तो तेरी ही मधुर तान सुने दे
हर दिन हर पल हर जगह
बस तू ही तू नजर आवे
क्यो उन अरमानो की चाह रखु
जो पुरे हो ना सके
क्यो उन खाबो को देखू
जो मिल ना सके
तू ही बता ऐ जा नसीन
में किस राह चलू
रुखसत तुम्हे कल होना है
क्यो ना आज ही कर दू
तेरी नई सुबह का
आज में आगाज कर दू
ना जाने क्यो ऐतबार है
अब भी एक विश्वास है
मिलेंगी नई मंजिले
राहें होंगी फिर आसान
खुलेंगे किस्मत के बंद दरवाजे
एक नई सुबह के साथ
एक नए जीवन की शुरआत होगी
जिन्दगी तेरा आखरी मुकाम क्या है बता जा
भविष्य के दर्शन करा जा
मौत गले मिले उससे पहले जीने की कला सिखा जा
नश्वर जीवन को सार्थक बनाजा
उमड़ घुमड़ काली घटा छाई
रुत मिलन की आई
घनघोर घटाए छाई
संदेश सुहाना लायी
छम छम बरसा आई
विरह वेदना को शीतल
ठंडी फुहार बनाई
फिजा की रंगत बदल आई
हर ओर प्रेम की नदिया बह आई
मन हो जिसका शहद सा मीठा
मुस्कान में हो चीनी सी मिठास
जुबा हो गुड समान
उस कंठ विराजे
माँ सरस्वती का वरदान
जहा विराजे सरस्वती का वरदान
उस द्वारे सदा करे लक्ष्मी निवास
धन धान्य से भरा रहे संसार
जीवन बना रहे सदा खुशहाल
सुनो सहेली सुनो सहेली
आँख ऐ डोली राज ऐ खोली
हौले हौले बात ऐ बोली
सुनो सहेली सुनो सहेली
पैगाम ये बोली
मन ऐ नाचे दिल ऐ गाए
साजन जी डोली लेके आए
सुनो सहेली सुनो सहेली
कर के अब सोलह श्रृंगार
खुशी खुशी रुखसत कर दो मोहे आज
सुनो सहेली सुनो सहेली
दिल गुले गुलजार हो गया
तुने थामा जो हाथ हमारा
रोशन जहाँ हो गया
तेरे मुस्कराहट से
उजडा चमन बहार हो गया
दिल गुले गुलजार हो गया
आ फिर शुरू करे एक नई जिन्दगी
ना कोई सिकवा करे ना शिकायत करे
सिर्फ़ एक दूजे को जी भर प्यार करे
आ फिर शुरू करे एक नई जिन्दगी
हम हो तुम हो सिर्फ़ प्यार ही प्यार हो
मिलके ऐ वादा करे
प्यार की राह से जुदा ना हो पाए
आ फिर शुरू करे एक नई जिन्दगी
ओ मेरे माझी रे
चल दूर कहीं अकेले में
प्यार के सागर बहे जहा
दिल की गहरायियो से
ओ मेरे जीवन खेवैया रे
पतवार दिल की थामे रखना रे
ऊँची नीची लहरों पे
डोल ना पावे नैया रे
ओ माझी रे
मेरे माझी रे
मन दिल की बात कहता है
जज्बातों की ताबीर बुनता है
भावनाओ को सुंदर शब्दों में पिरोता है
शब्दों की रचना को यादगार कृति बनाता है
गुनगुनी धुप खिली
अरमानो की बगिया महकी
शीतल पवन मृदु़ल हवा चली
खुशियों की बरसात हुई
इस नई बेला
आर्शीवाद की नई शौगात मिली
सप्तरंगी ओ सप्तरंगी
चुनर तेरी सप्तरंगी
घुमर तेरा नारंगी
लहंगा तेरा सप्तरंगी
पायल तेरी सोने की
नाचे गावे ढोल बजावे तू बहुरंगी
छटक रही आभा सप्तरंगी
इन्द्र घटा भी नजर आवे सप्तरंगी
सप्तरंगी ओ सप्तरंगी
प्रचंड वेग नदी की धार पर कर सवारी तू
कर होसले बुलंद कदम आगे बढाये चल
जोश भर उमंग भर आगे ही आगे बढता चल तू
सफलता के अश्व पे विराजमान रह तू
समय को गुलाम बना तू
कामयाबी के नए कीर्तिमान बना तू
मंत्र कुंजी जो पाई उसे बाटता चल तू
हो सिंह पे सवार जीत का जश्न मना तू
इतिहास के पनों में स्वर्णिम अक्षरो से नाम लिखा तू
चल थाम कामयाबी के दामन को
ओर प्रचंड वेग से आगे बढता चल तू
रुत आई फसल खिल आई
कलि फूल बन आई
रंगत नजरो की निखर आई
मेघो के सुरमय संगीत पे
नदिया भर आई
चमन हरयाली का
कालीन बन आई
यू लग रहा है मानो
खुशियों की बारात चली आई
पाती ऐ प्यार भरी
दिल के कागज पे लिख भेजी है
हर अरमानो को
लहू से अपने लिख भेजा है
कोरा कागज ना समझना
दिल अपना भेजा है
बात हमने अपनी कह डाली है
बारी अब आपके जबाब की है
जो अच्छा लगे लिख देना
पर दिल अपना हमारे नाम कर देना
शबनम सी तू हँसि
फूलो सी तेरी काया
मोती सी तेरी मुस्कान
झील सी तेरी आँखे
कोयल सी तेरी वाणी
सूरज सी तेरी आभा
तभी तू लगे सब से
न्यारी सब से प्यारी
तू है मेरी आरधना
प्रेम अगन है ऐसी जुदा ना हो पावोगी हमसे
जुस्तजू है ऐसी भुला ना पावोगी हमें
लगी है ऐसी दूर ना रह पावोगी हमसे
क्योकि मर्ज लाइलाज लगा लिया तुमने दिल से
महबूब मेरे दिले हाल बया करू कैसे
ना जाने अब मुलाकात हो कैसे
राज जो दिल में छिपा है
उसे तुम्हे बताऊ कैसे
पलकों में पे जिसे सजा रखा है
उसे तुम्हे दिखाऊ कैसे
इन्तजार ख़त्म करू कैसे
तुम बिन अब जिऊ कैसे
तन्हा तन्हा वक्त कटे ना
सब कुछ मिथ्या मिथ्या लगे सा
बिन सपनो के नींद आवे ना
खुली आँखों से भी कुछ नजर आवे ना
मन चंचल कहना माने ना
हर अक्स में तुम्हे तलाशे सा
हौले हौले मन ऐ बोले
चंदा को देख दिल ऐ डोले
प्रियतम का है इंतजार
धीरे से ऐ बोले
हौले हौले ओ जी हौले हौले
मन ऐ महके
फूलो को देख दिल ऐ खिले
सनम की खुशबू से ऐ महके
हौले हौले ओ जी हौले हौले
मन ऐ गुनगुनाये
सावन को देख गीत ऐ गाए
साजन मिलन के गीत ऐ गुनगुनाये
हौले हौले ओ जी हौले हौले
ऐ दिल पुकारे
तू चली है कहा
सुन जा दिल की आवाज़
चली आ मेरे पास
यू ना दिल दुखा
यू ना अब ओर सता
हर सिकवे को भुला
अब तो चली आ
चली आ चली आ
सुन के दिल की पुकार
चली आ चली आ
जाते कदमो को रोक लो
तेरे बिन जी ना पाऊ ऐ जान लो
तू अब तो चली आ चली आ
सुन के दिल पुकार
चली आ चली आ
धड़कन को खोजा तो दिल में पाया
रोशनी को खोजा तो आँखों में पाया
प्यार को खोजा तो आप में पाया
ख़ुद को खोजा तो आप की बाहों में पाया
ये तो गुमनाम गलिया है
बदनाम लोगो की दुनिया है
ना कोई आशा है ना कोई नाम है
बस अंधेरे की चादर में डूबी जिन्दा लाश है
ना कोई नाता ना अपना है
तन्हाई से करीब का रिश्ता है
महफ़िल यहाँ सजती है औरो की खातिर
जिस्म जा लुट जाने की खातिर
बेबस ऐ गलिया बेचारी है
जिस्म के सौदागरों के आगे
हारी दुनिया ऐ सारी है
निगाहें हटती नही
नजरे थकती नही
रूप ऐ देख पलके झुकती नही
सागर सी गहरी झील सी सुंदर ऐ आँखे
नजरे हटने देती नही
शरमा के यू मुस्कराना
पलके बंद होने देती नही
खूबसूरती समां गई आँखों में
निगाहें अब कुछ ओर तकती नही
आओ मिलके जिन्दगी की सरगम गावे
छोटा सा खुबसूरत आशियाना बसावे
गीत आज कोई नया गावे
संदेश फिर प्यार का बरसावे
आओ मिलकर जिन्दगी की सरगम गावे
जीवन को कभी कविता तो कभी गीत बन गुन्गुनावे
काँटो में रहकर भी गुलाब की तरह मुस्काए
आओ मिलकर जिन्दगी की सरगम गावे
जाने वो कोन सी घड़ी थी
अनजानी मुसीबत को न्योता दे दिया
लाख कोशिश की निकल आने की
हर राह बंद होती नजर आई
जाने वो कोन सी भुल्भुलाया थी
सिर्फ़ अन्धकार ही अन्धकार नजर आया
यू लगा मानो जैसे
एक तरफ़ कुवा दूसरी तरफ़ खाई है
ध्यान जो रब को किया
उम्मीद फिर नजर आई
नजरे खोली तो देखा
स्वतः ही बाहर निकलने का
मार्ग प्रस्तुत हो चला
वादा किया अब ना एसी गलती दोहराएँगे
शान्ति पूर्वक जीवन गुजार जायेंगे
ओ मेरे नहने कमल
इन आँखों का नूर है तू
अभिमान है तू
तेरे खिलने से बगिया महकी
तेरी नटखट बाल अदाओ पे मन मुस्काये
तेरे में अपना अक्स नजर आए
जीवन पथ दूरगामी है
सांसारिक नियमो से दुखी ये मन भारी है
हर पथ लथपथ है
निराशा के भवर में फसा ये मन है
हताहत्तो से भरा हर पथ है
असफलताओ से आहात ये मन है
नए साल की नई सुबह
प्रफुलित आज ये मन है
नई दिशाए नई राहे
मन एक विश्वास जगाये
जीवन पथ हो कामयाबी पे अग्रसर
दृड़ आज हुआ है ये मन
अहसास कुछ कमी का हो रहा है
अपनों से दूर जाने का दर्द सता रहा है
अकेले हो जाने का गम रुला रहा है
हर तरफ़ अँधेरा ही अँधेरा नजर आ रहा है
उम्मीद की लो बुझ रही रही है
क्या करू , अहसास कुछ कमी का हो रहा है
उन रिश्तो को क्या नाम दे
बात जो दिल की हो
उसे लफ्जो में कैसे वया करे
जो पवन हो उसे क्या जुबा दे
कैसे उन रिश्तो को नाम दे
खुदा की निमत हो जिनपे
कैसे उन रिश्तो को ना स्वीकार करे
तुम साज हो में संगीत तुम्हारा
मिलके लिखे गीत सुहाना
हो ताल का प्यारा मिश्रण
शब्दों का अनोखा संगम
दिलो की मधुर तान
गावे नए साज
आओ मिलके लिखे
नए नगमे हजार
अलविदा अलविदा ये जिन्दगी अलविदा
तेरे बगैर जीना है
यादो को तेरी दिल में रखना है
चाहू या ना चाहू पर जिन्दा रहना है
तुझे अलविदा कहना है
अलविदा अलविदा ये जिन्दगी अलविदा
आओ सितारों के बीच एक नई दुनिया बसाये
तुम चाँद और मैं सूरज बन चमके
मेरी प्यार भरी किरणों से तेरा नूर महके
तेरे प्यार की रोशनी से अपनी दुनिया आबाद रहे
आओ एसी एक दुनिया बसाये
जिन्दगी चलते गए
कदमो के निशा बनते गए
आहिस्ता आहिस्ता कारवा गुजरता गया
निशा बदलते गए
मंजिल गुजरती गई
अहसास ही हो ना पाया
पलट के देखा तो ख़ुद को
अकेले खड़ा पाया
अक्सर वो सुहाने पल याद आ जाते है
संग गुजारे हसीन पल याद आ जाते है
ओ मिलन की बेकरारी ओ बेताबी
बातों का वो सिलसिला
यादो के झरोके से दिल को छेड़ जाते है
अक्सर वो खुबसूरत रंगों से भरी दिल की किताब
बीते लह्मो से फिर मिलन का मशवरा दे जाती है
लबों पे तुने जो अपना नाम लिख दिया
कैसे उसे मीटाऊ
दिल जो मेरा तुने अपने नाम कर लिया
कैसे तुझे भुलाऊ
नयनो में तू जो छाई
कैसे तुझे से नजर चूराऊ
धड़कन में तू जो समाई
तुझ बिन कैसे जी पाऊ
ज्ञान की लो जलाई है
नए विचारों की मिशाल जलाई है
आशा की किरण नजर आई है
अज्ञान से लड़ने की बारी आई है
शिक्षा की दावानल जलानी है
कोई अनपड़ ना रह पावे
अभियान ऐ चलाना है
शिक्षा का महत्व सब को समझाना है
सर्व शिक्षा के अभियान को आगे बढाना है
सभ्यता की ओर कदम बढाना है
मिलके इस मंजिल को पाना है
सर्व शिक्षा अभियान चलाना है
वो परियो की शहजादी
तुम कोंन हो हमें बता जाना
अपना पता हमें दे जाना
इतनी मेहरबानी हम पे कर जाना
दिल हमारा तोड़ ना जाना
वो परियो की शहजादी
खता हमारी माफ़ करना
काव्य तुम हो कविता तुम हो
प्यार भरा गीत तुम हो
संगीत तुम हो चमन तुम हो
सबसे हसीन तुम हो
खुदा तुम हो जीवन तुम हो
मेरी प्रेरणा तुम हो
आरजू तुम हो ताज तुम हो
मोहब्बत की मिशाल तुम हो
सपनो को पंख लग जाने दो
मुझ को आज उड़ जाने दो
सब दुःख दर्द भूल जाने दो
एक नई दुनिया में खो जाने दो
सपनो को पंख लग जाने दो
खाब बस इतना सा है
मानव सेवा में जीवन अर्पण हो
मानवता ही मेरा तर्पण हो
मेरा कर्म ही मेरा दर्पण हो
निःस्वार्थ भाव से जीवन समर्पण हो
आप के प्यार भरे दिल की दस्तक सुन
दिल हमारा मचल उठा
जब तलक कुछ समझ पाते
ऐ आप का गुलाम हो चुका
तेरी बातों का पिटारा करिश्माई
हर शब्द जादुई
मायाजाल से भरा वाक्ये करिश्माई
तेरी आगे अल्लादीन के
चिराग का जादू फीका
बातों में ना कोई तेरा सानी
क्योकि तेरी बातों में
मिश्रि सी मिठास घुली है
ऐ भारत के शूरवीरों
जनम भूमि का बुलावा आया है
सरहद पे दुश्मन ने ललकारा है
मार उसे भगाना है
नाको चने चबाना है
देश की रक्षा के लिए
प्राण न्योछावर कर जाना है
बलिदान की मिशाल बनाना है
आखरी साँस तक लड़ते हुए
शहीद हो जाना है
माटी का कर्ज चुकाना है
ईद का चाँद नजर आया
चाँद में आप का अक्स नजर आया
चाँद में अक्स देख ऐ ख्याल आया
कही ऐ आप का पैगाम तो नही आया
ख्यालो को टटोला तो ऐ अहसास आया
जूनून आप का हम पे चढ़ आया
नजर जमाने की लग गई
नींद कही खो गई
सपने टूट गए
माला रिश्तो की बिखर गई
हम तुम अजनबी बन गए
काफूर हर खुशी हो गई
गम के अंधरे छा गए
क्यो ऐ घड़ी आन बनी
हमें तुमसे जुदा कर गई
नजर जमाने की लग गई
कोई ऐसी जगह हो
जहाँ तन्हाई हो
चाँद तारो का साथ हो
मेरे हाथो में तेरा हाथ हो
कल कल बहती नदिया पास हो
प्यारा लगे हर लहमा
तुम जो दिल के पास हो
एसी सुंदर कोई शाम हो
पल दो पल का ही सही
तेरा मेरा साथ हो
माना आप की अदाओ के हम कायल है
पर ऐ दिल आप की तिरछी नजरो से घायल है
लहू जो बह रहा है दिख नही रहा है
प्यार बन लबों पे आ रहा है
अब इकरार करो या इनकार
ऐ दिल आप पे है कुर्बान
हँसनी ओ मेरी हँसनी
शुक्रिया मेहरबानी
तू जो बनी मेरी परछाई
बजने लगी शहनाई
रंगत लगी निखरने
चंदा भी लगा शर्माने
हँसनी ओ मेरी हँसनी
आ छुपा लू तुझे बाहों में
नजर ना लग जाए
काजल बना सजा लू आँखों में
आ बसा लू तुझे साँसों में
हँसनी ओ मेरी हँसनी
ओ रि पागल पवन
मत ना छेड़ दिल के मोर
क्यो डाले घटाओ पे डोर
उठने दे प्यार की हिलोर
टूट ना जाए पतंग की डोर
ओ रि पागल पवन
क़हा है तेरी छोर
मत ना मचा इतना शोर
बहने दे संगीत का दोर
मत ना तोड़ दिल की ओश
ओ रि पागल पवन
ओ रि पागल पवन
समझ ले इशारों की ओट
बदल ले तू अपना मोड़
बिन छुए निकल ले
कही भटक ना जाए दिल के चोर
ओ रि पागल पवन
ओ रि पागल पवन
किलकारी लगी गूंजने
दीपक रितु की महकी बगिया
खुशिया पधारी हमारे अंगना
लक्ष्मी दुर्गा रूप धर आई
सोगात ऐ अनुपम हमने पाई
कुदरत ख़ुद हमारे घर चली आई
हे ईश्वर मंगल पावन की इस मधुर बेला
स्नेह भरा निमंत्रण आप स्वीकार करो
नामकरण की शुभ बेला पधार
नए मेहमान को आर्शीवाद प्रदान करो
आओ ना आओ ना
पास आओ ना
बुला रही दिल की वादियाँ
साजन मेरे चले आओ ना
आओ ना आओ ना
लगी जो तेरी लगन
मनमीत बन जाओ ना
आओ ना आओ ना
खामोश नजरे बुला रही
नूर तुम बन जाओ ना
आओ ना आओ ना
पास आओ ना
डोली लेके आओ ना
संग हमें भी ले जाओ ना
आओ ना आओ ना
जीवन कण कण में मधुर स्वर लहरी बन तुम बसी हो
आइना जो देखू तो तेरी ही तस्वीर नजर आवे
मुख जो खोलू तू तेरा ही नाम लबों पे आवे
दिल कहे तेरी परछाई अब ना दूर जावे
तेरे बेमिसाल सोंदर्य खयालो में खोये रहे
दिव्या प्रकाश मुख मंडल सुशोभित करे
ओजस्व बाणी मधुर स्वर
उज्जवल कांति सोम्य स्वभाव दर्शाए
शीतल पावन चरित्र मन
बहुमुखी प्रतिभा
आलोकिक गुणों से भर सर्वश्रेस्ट इंसान रचे
ये कल्पना अब छोडिये
धरिये सादा जीवन ऊँच विचार
करिए जीवन सफल
होहिये हर छेत्र में कामयाब
बतिया बताऊ दिल दिखलाऊ
कैसे कैसे राज छुपे है ऐ मैं तुम को बतलाऊ
नजरे मिलाऊ सीने से लगाऊ
दिल की धड़कन तुम को सुनाऊ
साथ चलू प्यार करू तेरे संग जीवन बिताऊ
ओ माता रानी
जय अम्बे महारानी
तेरे जयकारे से गूंजे दुनिया सारी
जय माँ काली
जय माता रानी
ओ कष्टहारी पाप नाशनी
तेरी महिमा गावे दुनिया सारी
ओ अस्टभुजाओवाली
ओ माता सिंघ्सवारी
तेरी शक्ति को पूजे दुनिया सारी
जय माता दुर्गा रानी
जय माँ अम्बे भवानी
तेरे जयकारों से गूंजे दुनिया सारी
हर कहानी अधूरी है
हर मंजिल अधूरी है
न जाने क्यो सब जल्दी में है
इस भागम भाग में आगे निकलने की होड़ है
सपने चाहये रहे अधूरे
पर झूटे सुख की तलाश में भागना जरुर है
भारत की पावन भूमि का खुबसूरत नजारा है
कहि मन्दिर की घंटी तो कहि अजान की स्वर लहरी
एक ही अम्बर तले बसे सारे महजबी
महजब भिन जाती भिन फिर भी अमन चैन
क्योकि लोगो के दिलो में बसे भारतीयता का प्रेम
हे ईश्वर सही राह मुझे दिखलाओ
सत्य वचन पे मुझे चलाओ
मुझ नादान का रखो ध्यान
भटक ना जाऊ सदा रहना मेरे साथ
विनती मेरी भी सुन लो तुम आज
फूल मेरे भी कर लो स्वीकार
अपने चरणों मुझको भी दे दो स्थान
कहना है बस इतना , मेरे सर पे धर धो अपना हाथ
हे परम पिता परमात्मा तुम्हे बारम्बार प्रणाम
कर के सोलह श्रृंगार
प्रियतमा चली साजन के द्वार
मन में रंग बरसे हजार
मिलन की बेला आई है आज
नयनो में सपने लिए अपार
मिलन को व्याकुल है मन आज
बड़े दिनों बाद खुसिया छाई अपार
साजन की बाहों को मन ऐ तरसे बार बार
कर के सोलह श्रृंगार
गौरी चली पीये के द्वार
शब्दों को एक प्यारी नई जुबा दी है
गीतों भरी माला पिरोई है
तेरी पायल की खनखन पे दुनिया लुटाई है
तेरी मतवाली अदाओ पे दिल ऐ आया है
ओ हुस्ने मलिका ये दिल तुझ पे आया है
जी करे इन हसीन वादियों में रच जाऊ
फूलो की खुसबुओ में घुल जाऊ
प्रकृति की इस अनुपम घटा में खो जाऊ
इस खुबसूरत लहमे में सारे गम भूल जाऊ
कल कल बहते जल प्रपातों के संगीत में दुनिया भूल जाऊ
इस नैसर्गिक सौन्दर्य को जीवन आत्मसात कर जाऊ
एक था राजा एक थी रानी
बड़ी प्यारी उनकी प्रेम कहानी
राजा था मतवाला रानी भोली भाली
थे दोनों एक दूजे के उलट
पर चाहत में कोई कमी ना थी
अजब था उनका रिश्ता
एक दूजे बेगर चैन नही था
हर जनम साथ निभे
यह उनका वादा था
हसीन वादियों बीच प्यारा सा
अपना एक जहाँ होगा
हम दोनों के सिवा ओर
ना कोई व़हा होगा
कुदरत ने चाहा तो
सपना साकार होगा
दो प्यार करने वाले दिलो का
खुदा भी गवाह होगा
वादा रहा सनम
छोडेगे साथ ना तेरा हम
मर जायेंगे प्यार अमर कर जायेंगे
जो मिल ना सके तो क्या
किसी ओर के हो ना पायेंगे
लगन जो दिल की है
जुदा फिर कैसे हो पायेंगे
डाली डाली बूटा बूटा
खिले है गुलाब के फूल
तना तना पता पता
निकल रहे काँटो के नीड़
पल पल घड़ी घड़ी
बदल रहा कलियों का रूप
कलि कलि खिल खिल
बन रही गुलाब का फूल
छोटे छोटे दिलो के बड़े बड़े अरमान
हसरते चूमने आसमा की
खुली आँखों में सपने सजाने की
हवाओ में खाबो के महल बनाने की
कभी हँसने की कभी हसाने की
हर चाहत में मंजिल को पाने की
मंजिल मिले या ना मिले
रोज एक नई सपनो की दुनिया बसाने की
छोटे छोटे दिलो के बड़े बड़े अरमान
वो पल भी आयेगा
जब हम ना होंगे
सिर्फ़ यादे होंगी
दिल की किताबो में
दफ़न एक अध्याय होगा
एक भूली दास्ता होगी
समय के साथ साथ
गर्त से ढकी किताब होगी
मानस पटल पर ना कोई छाप होगी
सिर्फ़ गुमनामी की गलिया में
खोई एक ओर कहानी होगी
सुहानी फिजा चली आई
चमन लगा महकने
कलिया लगी खिलने
भवरे लगे गुंजन करने
पंछी लगे चहकने
आसमा लगे विचरने
करवट लेने लगी जिन्दगी
बीज अंकुरित होने लगे नए
अर्पण करू अर्पण करू
हे ईश्वर आप के श्री चरणों में
पूजा के दो फूल अर्पण करू
तर्पण करू तर्पण करू
हे ईश्वर आप की आराधना में
मन अपना तर्पण करू
समर्पण करू समर्पण करू
हे ईश्वर आप की सेवा में
ये तन समर्पण करू
शक्ति रूपा दुर्गा लक्ष्मी रूप धर अंगना पधारी है
मनोकामना पूर्ण हुई
घर खुशिया अपार छाई है
बिट्या दुलारी का नामकरण हुआ
दादा दादी बाँट रहे मिठाई है
दुआ हमारी भी ढेर सारी
जग में नाम करे भारी
इसकी भी महिमा गावे दुनिया सारी
भीड़ में ना जाने कहा तुम खो गए
तलाशा बहुत पर तुम ना मिले
इसलिए राह हमने भी बदल डाली
उस राह को छोड़ दिया
जिस राह तुम गुजरा करते थे
श्रद्धा भक्ति से दादी को ध्याये
माँ के श्री चरणों में शीश नवाए
माता रानी की दिव्या ज्योत जलाए
चुडा चुनरी माँ को चढाये
आओ सब मिलकर भादव अमावस्या का उत्सव मनाये