POEMS BY MANOJ KAYAL
बादलो से मेरा है अजब रिश्ता
मेरे इशारे पे बरसे मेघा
कुछ बुँदे संग लेके चलता हु
जहा जाता हु वहा बरसता हु
सूर्य की जलती किरणों को
ठंडी शीतल फुहारों से नहलाता हु
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