POEMS BY MANOJ KAYAL
ऐ आँखे ऐ लब
गुम शुम है खामोश है
मदहोश है ख़ुद से जिन्दगी
अनजान है धड़कन दिल से
बेजान है जिस्म बेगानी जिन्दगी से
ऐ आगाज है पैगाम है
दिल खो जाने का
मोहोबत हो जाने का
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