बोलो बम बम
लेके चलो कावड़ जटा धारी के दर
जिसने थामी जटा मैं गंग
उसका करे आज जला भी नंदन
सावन का महिना है आया
शिव ने है दरबार लगया
क्या खूब रूप है बनाया
जिसने जो माँगा वो फल पाया
भक्त रिझा रहे करके जलाभिशेख
दूर दूर से कावड़ लिए भक्त चले है
नीले धारी के दर
बोल बम के नारों से गूंज रही सारी सृष्टि आज
देख भक्तो का जोश उमंग शिव नाचे भक्तो के संग आज
जिस देवाधि देव को पूजे इश्वर सारे
इस अद्भुत मिलन को देख
वो भी नमन करे शंकर महादेव को
हर हर महादेव के बोल पे झूमे दुनिया सारी
शिव कृपा से खाली ना कोई जाए
बिन मांगे सब पाये
शिव के सहारे कर जाना है भवसागर पार
चलो लेके कावड़ शिव के द्वार
बोल बम बोल बम
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