Sunday, August 9, 2009

सीने में छिपा दर्द

दर्द सीने में छुपा रखा है


गमों को हमराज बना रखा है


आंसुओ को गले लगा रखा है


फिर भी मुस्कराहट को लबों पे सजा रखा है


जज्बातों को सीने में दबा रखा है


बदनसीबी को परछाई बना रखा है


ख़ुद से ख़ुद को बेगाना बना रखा है


फिर भी चहेरे से परदा उठा रखा है


दर्द सीने में छुपा रखा है




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