POEMS BY MANOJ KAYAL
निंदिया आए ना मुझको
याद सतावे तेरी मुझको
सारी सारी रतिया तडपु
जिया मोरा लागे नाही
बिस्तर मोहे भावे नाही
कैसे में करवट बदलू
तेरी बाहों का सहारा नाही
ओ बालम पिया नींदों की हसीन सपनो में ले चल मोहे
मिलन तो एक बार कर ले आके मोहसे
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