POEMS BY MANOJ KAYAL
जिन्दगी एक गीत है
इसे शायराना अंदाज़ में जिये
कब रुखसत होना पड़े ना मालूम
हर पल जी भर जिये
हर गमों को भुला
खुशियों को गले लगा लीजये
ना जाने कब जिन्दगी अलविदा कह दे
हँसते हँसते जी लीजिये
जिते जी हर तमना
हर ख्वाइस पूरी कर लीजिये
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