POEMS BY MANOJ KAYAL
मृदु बानी बोले जा
मधु रस पिए जा
हौले हौले दिल के राज खोले जा
प्रेम अगन जलाये जा
चुपके चुपके नजरे चुराए जा
आहिस्ता आहिस्ता दिल में समाये जाए
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