POEMS BY MANOJ KAYAL
आओ मिलके नई राह बनाये
हर राह आसन बनाये
काँटो भरी राहो को फूलो की सेज बनाये
हर राह को हसीन ख़बबो से सजाये
निडर हो कदम बड़ाते जाए
मंजिल पाने की हसरत पूरी हो जाए
आओ मिलके एसी राह बनाये
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