POEMS BY MANOJ KAYAL
कमसिन हो हस्सी हो
ज़वा हो दिलो की धड़कन हो
नादा हो भोली हो
प्रेरणा हो जिन्दगी हो
इसलिए हर दिल अज़ीज़ हो
No comments:
Post a Comment