POEMS BY MANOJ KAYAL
श्याम रस से भरी तेरी गगरिया
फिर काहे को भटके बनके तू मीरा
श्याम नाम तुने लिया है जो अपनाए
छोड़ मोहन कैसे तुझको जाए
श्याम रंग में जो डूब गई
सांवरिया कैसे ने आए
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