POEMS BY MANOJ KAYAL
अटूट ऐ बंधन है
कैसा विचत्र ऐ बंधन है
जनम और मृत्यु का अजब ऐ बंधन है
कटु सत्य ऐ बंधन है
मोह माया से भरा ऐ बंधन है
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