Wednesday, August 5, 2009

विराबान

खत्म सब हो गया

साँसे थम गई

आसमा झुक गया

खुली आँखे चीत्कार उट्टी

धरती विराबान हो गई

दिल जो टूटा

सारी श्रृष्टि पल में नाश हो गई

आँखे खुली

खबाब सारे अंतर्ध्यान हो गए

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