जज्बातों को सीने में दबाये
दर्द को दिल में छुपाये
चुपके से चल दिए
जख्म गहरे लिए
हरे घाव लिए
लहुलुहान अरमानो को लिए
अनजाने सफर पे चल दिए
बैचेन रूह को लिए
टूटे सपनो को साथ लिए
सुनी राह पे चल दिए
ना अब कोई मंजिल है
ना कोई ठिकाना
फिर भी ह की चलते ही जाना
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