Tuesday, August 25, 2009

तारे

मद्धिम मद्धिम रोशनी

मध्यम मध्यम तारे

चंदा खेले आँख मिचोली

कभी बादलो में छुप जाय

कभी निकल आय

रात ढले धीरे धीरे

चंदा भी घर जाय

जाते जाते तारो को चाँदनी दे जाय

धीरे धीरे सूरज बन

रोशनी की नई किरण बन आय

मध्यम मध्यम तारे

मंद मंद गति से चले जाय

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