POEMS BY MANOJ KAYAL
ये शहर मुस्कराने लगा
फूल जिन्दगी के चुनने लगा
धुप नई खिलने लगी
फूलो में रंगत आने लगी
बात फिर जो अमन की होने लगी
सब अच्छा होने लगा
खाब सच होते दिखने लगे
अमन की हवा जो चली
मौसम बदलने लगे
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