POEMS BY MANOJ KAYAL
आओ मिलके नया प्रेम अध्याय लिखे
हाले दिल एक दूजे का बया करे
दिल के कोरे कागज़ पे
लहू की स्याही से
प्रेम की इबादत लिखे
आओ एक नया प्रेम ग्रन्थ लिखे
No comments:
Post a Comment