POEMS BY MANOJ KAYAL
ऐ दिले नादान
वादा रहा तुम से
रूह को तेरी भटकने ना देंगे
आत्मा को तेरी चिर निद्रा में सुलायेंगे
इसलिए मरकर भी तेरे
जनाजे को कांधा लगाने आयेंगे
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