POEMS BY MANOJ KAYAL
देख तुझे कदम ख़ुद ब ख़ुद थम गए
दिल की बात कहने को लब ब्याकु़ल हो उठे
आँखे मचल उठी
पर लफज जुबा पे आ ना पाए
मुस्कराते हुए आगे बढ गए
No comments:
Post a Comment