POEMS BY MANOJ KAYAL
श्याम वरन रंग मोहे भायो
का करू सजना दिल तुझ पे आयो
दूजा कुछ ना अच्छा लागे मोहे
श्याम रस रंग लायो
प्रेम सागर में डूबी जाऊ
तू जो मोह्सर रास रचावे
मोहे ना चाहे दूजो कोई
मेरे श्याम तेरे लिए मीरा बन जहर पी जाऊ
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