मद्धिम मद्धिम रोशनी
मध्यम मध्यम तारे
चंदा खेले आँख मिचोली
कभी बादलो में छुप जाय
कभी निकल आय
रात ढले धीरे धीरे
चंदा भी घर जाय
जाते जाते तारो को चाँदनी दे जाय
धीरे धीरे सूरज बन
रोशनी की नई किरण बन आय
मध्यम मध्यम तारे
मंद मंद गति से चले जाय
मद्धिम मद्धिम रोशनी
मध्यम मध्यम तारे
चंदा खेले आँख मिचोली
कभी बादलो में छुप जाय
कभी निकल आय
रात ढले धीरे धीरे
चंदा भी घर जाय
जाते जाते तारो को चाँदनी दे जाय
धीरे धीरे सूरज बन
रोशनी की नई किरण बन आय
मध्यम मध्यम तारे
मंद मंद गति से चले जाय
लगे मन को भाने पकवान
जब शुमार हो उसमे
माँ की ममता
बहन का दुलार
पत्नी का प्यार
बेटी का साथ
तो फिर क्यो ना लगे पकवान लाजबाब
सच है की नही जनाब
रबा हो मेरे रबा
सुन ले मेरी तू फरियाद
कर दे विपदा का नाश
शरणों में तेरी आया हु आज
मत करना तू निराश
रबा ओ मेरे रबा
सर पे मेरे रख दे तू अपना हाथ
तेरी दुआए रहे सदा मेरे साथ
करू मैं तुम्हे बारम्बार प्रणाम
मेरी गलतियों पे ना देना तुम ध्यान
रबा ओ मेरे रबा
करता हु ऐ वादा तुझ से मैं आज
कभी ना करूँगा कोई अनुचित काम
सुन ले मेरी भी प्रार्थना तू आज
सेवा का एक मोका मुझ भी दे दे तू आज
रबा ओ मेरे रबा
नित सुबह शाम धरु मैं तेरा ध्यान
मेरा भी तू बन जा करनधार
तेरे नाम की महिमा अपार
कर ले मुझको भी अपने भक्तो में शुमार
रबा ओ मेरे रबा
विनती सुन ले मेरी तू आज
कर दे मुझे भी भवसागर पार
हर जगह तेरा ही है वास
मेरे दिल में भी रहे तेरा ही वास
रबा ओ मेरे रबा
सुन ले मेरी भी फरियाद
श्याम रस से भरी तेरी गगरिया
फिर काहे को भटके बनके तू मीरा
श्याम नाम तुने लिया है जो अपनाए
छोड़ मोहन कैसे तुझको जाए
श्याम रंग में जो डूब गई
सांवरिया कैसे ने आए
अटूट ऐ बंधन है
कैसा विचत्र ऐ बंधन है
जनम और मृत्यु का अजब ऐ बंधन है
कटु सत्य ऐ बंधन है
मोह माया से भरा ऐ बंधन है
जीवन है एक दर्द भरी दासता
कैसे इसे वया करू समझ ना पाऊ
फिर भी मुस्कराते हुए जिया जाऊ
लहमा लहमा लगे भारी
काटे वक्त कटे नही
फिर भी जीने की चाहत लगे प्यारी
जैसे काँटो के बीच गुलाब ने है दुनिया बसाई
आओ मिलके नई राह बनाये
हर राह आसन बनाये
काँटो भरी राहो को फूलो की सेज बनाये
आओ मिलके नई राह बनाये
हर राह को हसीन ख़बबो से सजाये
निडर हो कदम बड़ाते जाए
मंजिल पाने की हसरत पूरी हो जाए
आओ मिलके एसी राह बनाये
ओ मेरी बिटिया रानी
परियो की तू शहजादी
तू चले तो पवन चले
तू हँसे तो चमन खिले
तू जो रोये तो अम्बर बरसे
तू जो बोले तो रब बोले
ओ मेरी बिटिया रानी
मेरी तू राज दुलारी
ओ मेरी बिटिया रानी
मेरी परछाई है तू
मीरा की मूरत है तू
मेरा अभिमान है तू
ओ मेरी बिटिया रानी
परियो की तू शहजादी
ओ मेरी बिटिया रानी
लफ्जो को लबों से कैसे वया करू
हाले दिल कैसे सुनाऊ
उस बेखबर बेमुरबत को
दिल की बात कैसे बताऊ
इस कशीश को समझ ना पाऊ
चाह कर भी उसे भूल ना पाऊ
उस तक ऐ पैगाम कैसे पहचाऊ
ऐ नादान दिल किन लफ्जो में तुम्हे मैं समझाऊ
बिटिया रानी हो गयी सयानी
बिदाई की हो रही त्यारी
दुल्हन के रूप में लग रही परियो की रानी
शादी के जोडो में फूल सी है खिल रही
श्रृंगार ऐसा ज्यूँ बद्री से चाँदनी छिटक रही
मेहंदी हाथो की दुल्हे राजा के इन्तजार में महक रही
घड़ी बाबुल को छोड़ पिया संग जाने की है आयी
थोड़ी सी नींद मुझे भी दे दो
कुछ कुछ मीठी नींद मुझे भी दे दो
माँ तेरे ममता भरे आँचल में मुझे छिपालो
तेरी ठंडी छाव में मुझे सुलालो
हे ईश्वर थोड़ी सी नींद मुझे भी दे दो
उधार नही तो खरीद कर दे दो
थोड़ी सी नींद मुझे भी दे दो
कुछ पल के लिए सकून भरी जिन्दगी दे दो
सपनो के संसार में खोने की
मुझे भी इज्जाजत दे दो
थोड़ी सी नींद मुझे भी दे दो
कुछ कुछ प्यारी मीठी नींद मुझे भी दे दो
पलके जो खुली तो
दिल की धड़कन बढ गई
हसीन कातिल निगाहों से जो देखा
तो साँसे थम गई
हुस्न भरी अदाओ के जलवों को देखा
तो ठंडी आहे निकल पड़ी
कितनी सुहानी ऐ शाम है आयी
रंग बिरंगे नजारे साथ लायी
सितारों की है बारात आयी
सज के गौरी घूँघट में है आयी
साजन की है अब बारी आयी
मन ही मन गौरी मुस्काई
साजन ने हौले से घूँघट सरकाया
गौरी का चाँद सा मुखड़ा नजर आया
कितनी सुहानी ऐ शाम है आयी
मिलन की बेला है साथ लायी
नया सबेरा नई दुनिया
दरसावे मार्ग नया
जीवन पथ है दुर्गम
मंजिल फिर भी है करीब
संदेश नया है लायी
सपनो को पूर्ण करने को
नई राह प्रसस्त हो आयी
ऐ आँखे ऐ लब
गुम शुम है खामोश है
मदहोश है ख़ुद से जिन्दगी
अनजान है धड़कन दिल से
बेजान है जिस्म बेगानी जिन्दगी से
ऐ आगाज है पैगाम है
दिल खो जाने का
मोहोबत हो जाने का
क्या खुबसूरत ऐ फ़साना है
तेरे मेरे इश्क का ऐ तराना है
हर बगिया महकी है
हर डाली फूल खिले है
अपने इश्क के चर्चे आम हुए है
शमा इश्क की तुने जलाई है
वादे निभाने की कसम परवाने ने खायी है
एक नई प्रेम कहानी की शुरुआत हुई है
तेरे बिन क्या करू , क्यो जिया जाऊ
धड़कने जो कह रही वो सुन जा
साँसे कह रही जो वो सुन जा
खोकर तुझे जी ना पाऊ
थम जा टहर जा
आके गले लगा जा
बाहों में तेरी दम निकले
आरजू ऐ पूरी कर जा
थम जा टहर जा
आरजू पूरी कर जा
चाचा बिन आप के क्या रैन बसेरा है
अब तो सिर्फ़ यादो में ही मिलना है
मिलन आस अब तलक अधूरी है
आप के आर्शीवाद से ही बनी जिन्दगी है
हमें भी नाज है हम आप की संतान है
हमारे लिए आप ईश्वर का वरदान है
हर दुआ में आप का ही प्यार है
क्या हुआ जो आप आज सितारों में शामिल है
हमारी नजरो को आज भी आप का इन्तजार है
ओ मेघो की छम छम
ओ बारिस की बुँदे
याद आ गई बचपन की वो बातें
ओ अल्हड जवानी की कहानी
ओ बेफिक्र जीवन की कहानी
याद आ गई वो भूली कहानी
वो लड़कपन की शैतानी
कभी हँसने कभी रोने की बयानी
बारिस में धूम मचाने की कहानी
याद आ गई वो भूली बिसरी कहानी
आओ मिलके नया प्रेम अध्याय लिखे
हाले दिल एक दूजे का बया करे
दिल के कोरे कागज़ पे
लहू की स्याही से
प्रेम की इबादत लिखे
आओ एक नया प्रेम ग्रन्थ लिखे
रब करे हमारी उम्र भी आप को लग जाये
खुशियाँ मिले ढेर सारी
किसी की नजर ना लग जाए
मन सदा मुस्कराता रहे
आँचल खुशियों का लहराता रहे
यह दिन हर पल आवे
रोज नई सोगात लावे
सालगिरह की इस मधुर बेला पे
नजराना हमारा भी गौर फरमाए
मुबारकबाद हमारा भी कबूल फरमाए
आँख मिचोली कर दो बंद
पहेली बन इतराना कर दो बंद
शर्माना छोड़ दो अब
आ गले मिल लो अब
शरारत ओर ना करो अब
सताना अब तो कर दो बंद
चंदा के दर्शन दे दो अब
यू ना तड़पाओ अब
चहरे से घूँघट उठा दो अब
हया शर्म को छोड़ दो अब
इतरावो ओर ना अब
आन मिलो साजन अब
गीत तुम हो संगीत तुम हो
मेरे महबूब मेरे मनमीत तुम हो
सबसे प्यारी ग़ज़ल तुम हो
दिल की सप्त लहरियो में तुम हो
नजम तुम हो , मेरी कविता की रचना तुम हो
लबों की मीठी झंकार तुम हो
मुझमे तुम हो , सिर्फ़ तुम ही हो
बादलो से मेरा है अजब रिश्ता
मेरे इशारे पे बरसे मेघा
कुछ बुँदे संग लेके चलता हु
जहा जाता हु वहा बरसता हु
सूर्य की जलती किरणों को
ठंडी शीतल फुहारों से नहलाता हु
ऐसा अजब है मेरा रिश्ताहरे भरे बागों में खुले आसमा तले
मस्त हो नाचे गाये
दिल के अरमानो को गीतों से सजाये
झूमे नाचे गाए
मस्त पवन के झोको में उड़ जाए
कहते जाए सुनते जाए
सपनो की दुनिया में खो जाए
सपनो की दुनिया में प्यारा से घर एक बनाये
रिश्ते की माला को जनम जनम का साथ बनाये
झूमे नाचे गाए
एक दूजे में खो जाए
हरे भरे बागों में खुले आसमा तले
झूमे नाचे गाए
ओ माँ दुर्गे माँ ओ माँ अम्बे माँ
तेरे भक्तो ने क्या खूब दरबार सजाया है
फूलो का भव्य श्रृंगार कराया है
लाल चुनरिया माथे तेरे पहनाई है
मैया भक्तो ने क्या खूब दरबार सजाया है
जो भी तेरे द्वारे आए , दिल से जो तुझे पुकारे
मनत उसकी पूरी हो जाए
ओ माँ शेरावाली ओ माँ मेहरावाली
सुन के भक्तो की पुकार आई होके तू सिंह पे सवार
लेके आई आँचल भर खुशियों की सोंगात
ओ माँ शेरावाली ओ माँ मेहरावाली
जब जब भक्तो ने पुकारा तू दोडी चली आई है
माँ तुने ममता भरी दुआवो से भक्तो को नवाजा है
ओ माँ दुर्गे माँ ओ माँ अम्बे माँ
झटपट सरपट दोडी रेल
चल जल्दी कर , दोड़ लगा
ना पीछे मूड फोरन रेल पकड़
सिटी बजाती , पटरियो पे सरकने लगी रेल
बातें छोड़ , चल जल्दी कर
सफर के इस अभियान को चुन तू
यात्रा के अविस्वर्निये पलो को
जिन्दगी की किताब में कैद करने
चल झट पट जल्दी कर
ऐ हवा ऐ हवा संदेश ऐ लेती जा
प्रियतम को मिलन का संदेश देती आ
ऐ हवा ऐ हवा हौले हौले उन्हें गुदगुदा
सपनो की दुनिया में उनको ले आ
ऐ हवा हवा दिल के तारो को छेड़ आ
प्यार की सरगम छेड़ आ
ऐ हवा ऐ हवा साँसों में उनकी तू समा जा
खुशबू प्यार की महका आ
ऐ हवा ऐ हवा संदेश ऐ दे आ
मेरे आने की ख़बर उनको दे आ
ऐ हवा ऐ हवा हौले हौले गुदगुदा आ
प्यार भरी वादियों में उनको ले आ
ऐ हवा ऐ हवा संदेश ऐ लेती जा
प्रियतम को मिलन का संदेश देती आ
हीरा समझ जिसे तराशा
वो पत्थर को टुकडा निकला
सोना समझ जिसे छुआ
वो पीतल का टुकडा निकला
पारखी नजर भी धोखा खा गई
जिन्दगी भर का मलाल छोड़ गई
हम ने सिकवा करना छोड़ दिया
तेरे बिना जीना सोच लिया
तेरी यादो के संग रहना सोच लिया
हम ने अकेले जीना सोच लिया
खता क्या हम से हुई
हर तरफ़ रुसवाई नजर आई
चले थे सपनो का महल बनाने
आंधी एसी चली तिनका तिनका बिखेर गई
आशिया बसने से पहले उजड़ गया
जुदाई के गम मैं आंसुओ का सैलाब बह गया
खता क्या हुई हर ओर विरानगी नजर आई
चलते चलते सोचा बहुत
पर भूल क्या हुई समझ ना आई
दिल लगाने की सजा शायद हमने पाई
ना जाने क्या खता हम से हुई
हर ओर रुसवाई ही रुसवाई नजर आई
ऐ दिले नादान
वादा रहा तुम से
रूह को तेरी भटकने ना देंगे
आत्मा को तेरी चिर निद्रा में सुलायेंगे
इसलिए मरकर भी तेरे
जनाजे को कांधा लगाने आयेंगे
क्यू मिलते है बिछड़ जाने को
निगाहें तकती है रहो को
पर मंजिल नजर आती नही
मिलन की आस बुझती नही
यादे दिलो से दूर जाती नही
ऐ कौन सी बेताबी है
समझ आती नही
दर्द सीने में छुपा रखा है
गमों को हमराज बना रखा है
आंसुओ को गले लगा रखा है
फिर भी मुस्कराहट को लबों पे सजा रखा है
जज्बातों को सीने में दबा रखा है
बदनसीबी को परछाई बना रखा है
ख़ुद से ख़ुद को बेगाना बना रखा है
फिर भी चहेरे से परदा उठा रखा है
दर्द सीने में छुपा रखा है
अब ना कभी लडेंगे , ना बिछ्डेगे
सिर्फ़ दूर से एक दूजे को चाहा करेंगे
फासले मिट नही पायेंगे
चाह कर भी एक दूजे के हो नही पायेंगे
तुम आसमानों में
हम धरती पे होंगे
तुम सितारों की भीड़ में गुम होंगे
हम उदास तन्हा तुम्हारे ख्यालो में खोये होंगे
गमों को जो वया किया
आंसू छलक आए
सारी हदों को तोड़
सैलाब उमड़ आए
ह्रदय मंथन होने लगा
जज्बात मुखरित होने लगे
सब्दो का सहारा होने लगा
अपनापन का अहस्सास होने लगा
मन हल्का होने लगा
गम आंसुओ मैं बहने लगे
दुनिया बदली बदली नजर आने लगी
दुश्मन भी दोस्त नजर आने लगे
काश ऐसा होता हाथों की लकीरे बदल जाती
तेरी मेरी तक़दीर बदल जाती
फासले नजदीकियों में बदल जाते
जिन्दगी के मायने बदल जाते
प्यार मिलन में बदल जाता
काश जिन्दगी की लो बुझने से पहले
किस्मत बदल जाती
अपनी किस्मत भी सितारों में
जगमगाती नजर आती
क़यामत तक करेंगे तेरा इन्तजार
अगर दोगे साथ
हर जनम होंगे साथ साथ
मौत भी जुदा ना कर पावे
उस बंधन से बंधा होगा अपना साथ
हवा का झोंका आया
तेरी खुशबू साथ लाया
तन बदन महका गया
प्यार का फूल खिला गया
शबनम सा तेरा चहेरा याद दिला गया
हमारे दिल में तुम्हारी ताबीर बना गया
शीतल हवा का झोंका प्यार की राग छेड़ गया
जाते जाते दिल हमारा साथ ले गया
बर्षा आयी बर्षा आयी
शीतल ठंडी फुहार संग लायी
फूल खिले कलिया मुस्काई
फसल फिर लहलहाई
देख मन खुशिया छाई
बर्षा आयी बर्षा आयी
देख मन उमंग छाई
रिम झिम करता संगीत लायी
जीवन कण कण में जीने की आस जगायी
बर्षा आयी बर्षा आयी
शीतल ठंडी फुहार संग लायी
ओ साथी ओ हमदम
दरवाजा दिल का खुला रखना
मेरी दस्तक से पहले
पैरो की आहट सुन
तुम दरवाजा खुला रखना
तेरे प्यार में भींगे लोटे जब
आँचल में तुम छुपा लेना
दरवाजा दिल का खुला रखना
याद सतावे जब कभी
बाहों में भर लेना
इस बंधन को एक नाम देना
प्यार का घरोंदा इसको है कहना
दरवाजा दिल का खुला रखना
ओ साथी ओ हमदम
अपने दिल का दरवाजा खुला रखना
ओ साथी ओ हमदम
जज्बातों को सीने में दबाये
दर्द को दिल में छुपाये
चुपके से चल दिए
जख्म गहरे लिए
हरे घाव लिए
लहुलुहान अरमानो को लिए
अनजाने सफर पे चल दिए
बैचेन रूह को लिए
टूटे सपनो को साथ लिए
सुनी राह पे चल दिए
ना अब कोई मंजिल है
ना कोई ठिकाना
फिर भी ह की चलते ही जाना
पी ले पी ओ साथी
इन शराबी आँखों से प्रेम रस पी ले
मटक ले मटक ले
इन मदहोसी नजरो पे मटक ले
बहक ले बहक ले
इस नशे में बहक ले
डूब ले डूब ले
रंग भरे इस सागर में डूब ले
पी ले पी ले
मधु रस पी ले
इन होटों से जाम तू ये पी ले
प्यार भरी ये सुरा तू पी ले
पी ले पी ले ओ साथी
प्रेम रस तू पी ले
प्रार्थना है इतनी मेरी
हे परम पिता परमेश्वर
शक्ति इतनी मुझको देना
धरम की राह से डिग ना पाऊ
युग युगों की परम्परा में निभा पाऊ
श्रृष्टि के लिए नया अध्याय रच पाऊ
अपनी भक्ति को सच कर पाऊ
मानवता की राह में कदम बडाऊ
कभी मोह माया से विचलित हो ना पाऊ
आप के श्री चरणों में सदेव शीश झुकाऊ
इस नश्वर जीवन को अमर कर जाऊ
लबो पे तेरा नाम लिख दिया
धड़कने तेरे नाम कर दी
यारा तेरे बिन जीना नही
ये मैंने सोच लिया
हाथ तेरा थाम लिया
कदम तुझ से मिला लिए
यारा अब ना जुदा होंगे
ये मैंने सोच लिया
कमसिन हो हस्सी हो
ज़वा हो दिलो की धड़कन हो
नादा हो भोली हो
प्रेरणा हो जिन्दगी हो
इसलिए हर दिल अज़ीज़ हो
लहर ऐसी उठी कश्ती उतरने से पहले ही डूब गई
आंधी ऐसी चली आशियाना बनने से पहले ही उजड़ गया
मजाक कुदरत ने ऐसा किया
जिन्दगी गुलजार होने से पहले ही वीरान हो गई
देख तुझे कदम ख़ुद ब ख़ुद थम गए
दिल की बात कहने को लब ब्याकु़ल हो उठे
आँखे मचल उठी
पर लफज जुबा पे आ ना पाए
मुस्कराते हुए आगे बढ गए
साकी तुमने जम के जाम छलकाए
पयमाने खाली हो गए
मगर ऐ साकी मदहोश हो ना पाये
सरूर सर चढ़ ना पाया
गरूर टूट ना पाया
तेरी मदहोश भरी आगोश में
दुनिया भुला ना पाए
ये साकी तुझे लवो से जुदा ना कर पाये
पयमाने टूट ते रहे
छलकते जाम में डूबते रहे
पर ये साकी तुझको
जिन्दगी से जुदा ना कर पाये
खता क्या हुई
किनारा तुम ने कर लिया
नाता हम से तोड़ लिया
गुनहा क्या हुआ
नजरे मिलाना छोड़ दिया
हमें देख मुस्कराना छोड़ दिया
भूल क्या हुई
प्यार करना छोड़ दिया
हमें मरने के लिए अकेला छोड़ दिया
हो हल्ला मचाओ
नाच नाच के दिल को बहलाओ
उमड़ घुमड़ आए मेघा
जम के शोर मचाओ
खूब भागो खूब ढोल बजाओ
बिजली संग आँख मिचोली खेल दिखावो
उछालो नाचो गाओ
कागज़ की नाव चलाओ
खूब भिगो उधम मचाओ
फिर से बचपन में खो जाओ
कुछ इस तरह मेघा रानी का स्वागत करो
शीतल ठंडी फुहारों का लुफ्त उठावो
मृदु बानी बोले जा
मधु रस पिए जा
हौले हौले दिल के राज खोले जा
प्रेम अगन जलाये जा
चुपके चुपके नजरे चुराए जा
आहिस्ता आहिस्ता दिल में समाये जाए
तुम ख्यालो से हसीन हो
सादगी में लिपटी चंदा की चाँदनी हो
फूलो सी मुस्कराहट लिए
प्रकृति की अनुपम छठा हो
प्रेम रस से भरी अप्सरा हो तुम
ख्यालो से भी हसीन हो तुम
फासलों में रहते है
फिर भी एक दूजे के दिलो में बसते है
पास हो कर भी दूर रहते है
चाहत से इनकार नही करते है
मिल ना पाएंगे जानते है
फिर भी एक दूजे को प्यार करते है
जिन्दगी एक गीत है
इसे शायराना अंदाज़ में जिये
कब रुखसत होना पड़े ना मालूम
हर पल जी भर जिये
हर गमों को भुला
खुशियों को गले लगा लीजये
ना जाने कब जिन्दगी अलविदा कह दे
हँसते हँसते जी लीजिये
जिते जी हर तमना
हर ख्वाइस पूरी कर लीजिये
खत्म सब हो गया
साँसे थम गई
आसमा झुक गया
खुली आँखे चीत्कार उट्टी
धरती विराबान हो गई
दिल जो टूटा
सारी श्रृष्टि पल में नाश हो गई
आँखे खुली
खबाब सारे अंतर्ध्यान हो गए
श्याम वरन रंग मोहे भायो
का करू सजना दिल तुझ पे आयो
दूजा कुछ ना अच्छा लागे मोहे
श्याम रस रंग लायो
प्रेम सागर में डूबी जाऊ
तू जो मोह्सर रास रचावे
मोहे ना चाहे दूजो कोई
मेरे श्याम तेरे लिए मीरा बन जहर पी जाऊ
ओ साथी टहरो जरा , सुन लो जरा
फिर ऐ ना कहना हमने पुकारा नही
तुमको रोका नही
ओ साथी टहरो जरा , सुन लो जरा
फिर ऐ ना कहना क्यो सब कुछ भुला दिया
इकरार को इनकार क्यो कह दिया
ओ साथी टहरो जरा , सुन लो जरा
फिर ऐ ना कहना वफ़ा हमने की नही
वादा जो किया वो निभाया नही
ओ साथी टहरो जरा , सुन लो जरा
फिर ऐ ना कहना हमने रोका नही
बात दिल की तुम को बताई नही
ओ साथी टहरो जरा , सुन लो जरा
निंदिया आए ना मुझको
याद सतावे तेरी मुझको
सारी सारी रतिया तडपु
जिया मोरा लागे नाही
बिस्तर मोहे भावे नाही
कैसे में करवट बदलू
तेरी बाहों का सहारा नाही
ओ बालम पिया नींदों की हसीन सपनो में ले चल मोहे
मिलन तो एक बार कर ले आके मोहसे
बिन बसे तेरे दिल में
कैसे इस दिल के चित्रपट में
प्यार की कुची से रंग भर पाए
तस्वीर नजर आई तब
हम तुम रास रचाए जब
रंग भर उठेंगे जब
प्यार के रंग बरसेगे जब
तस्वीर बोल उठेगी जब
प्यार सच्चा होगा जब
लबो को लबो से छु लेने दो
संगम दिलो का हो लेने दो
ना कुछ कहो
ना अब रोको
मंगल मिलन बेला को
अमंगल विरह बेदना ना बनने दो
सुबह जब आँख खुले रब को याद करो
मात पिता का ध्यान धरो
दिन गुजरे अच्छा
फुरसत ना मिल पावे
ऐसी कामना करो
शाम थक के जब बिस्तर मैं जाओ
रंगीन खाबो की हसीन दुनिया मैं खो जाओ
सुबह की लालिमा अंधकार के सारे बंधन तोड़
रोशनी की नई किरण फेला रही है
गुनगुनी धुप मन को लुभा रही है
पपीहे के शोर से मन आनंदित हो रहा है
जीवन एक नई आशा का संचार हो रहा है
उगते सूर्य को देख
उदीयमान भविष्य का सपना साकार हो रहा है
तेरी दिलकश अदा दीवाना बना गई
खुशबू प्यार की मीठी मीठी महका गई
दीवानगी तेरी पागल बना गई
आँखों में तू ही तू छा गई
दीवाना बना गयी
आप की बातें मन को लुभा गयी
खुली जुल्फ लहराता आँचल
जादू हम पे चला गयी
दीवाना बना गयी , दीवाना बना गयी
शबनमी आँखे , ये शर्मो हया
दिल हमारा चुरा ले गयी
दीवाना बना गयी , दीवाना बना गयी
चंचल मुस्कान हिरनी सी चाल
मदहोश हमको बना गयी
दीवाना बना गयी , दीवाना बना गयी
हौले हौले आप दिल मैं समां गयी
धड़कने आप का ही नाम गुनगुनाने लगी
जादू हुस्न का हम पे चला गई
दीवाना बना गयी , दीवाना बना गयी
जादू प्यार का चला गयी
दीवाना बना गयी , दीवाना बना गयी
बोलो बम बम
लेके चलो कावड़ जटा धारी के दर
जिसने थामी जटा मैं गंग
उसका करे आज जला भी नंदन
सावन का महिना है आया
शिव ने है दरबार लगया
क्या खूब रूप है बनाया
जिसने जो माँगा वो फल पाया
भक्त रिझा रहे करके जलाभिशेख
दूर दूर से कावड़ लिए भक्त चले है
नीले धारी के दर
बोल बम के नारों से गूंज रही सारी सृष्टि आज
देख भक्तो का जोश उमंग शिव नाचे भक्तो के संग आज
जिस देवाधि देव को पूजे इश्वर सारे
इस अद्भुत मिलन को देख
वो भी नमन करे शंकर महादेव को
हर हर महादेव के बोल पे झूमे दुनिया सारी
शिव कृपा से खाली ना कोई जाए
बिन मांगे सब पाये
शिव के सहारे कर जाना है भवसागर पार
चलो लेके कावड़ शिव के द्वार
बोल बम बोल बम
मै वो बाजीगर
सुनहरे अरमानो को पंख लगा दू
हसीन सपनो को सच बना दू
हर दिल प्यार की ज्योत जला दू
ना मुमकिन को भी मुमकिन बना दू
तू जो हां कह दे तो सारी जन्नत
तेरे कदमो में बिछा दू
आया राखी का त्यौहार
लेके आया रिश्तों की सोंगात
बहना करे वीरो का सत्कार
माथे तिलक करे
बांधे हाथो राखी का तार
वीर वचन कहे
बहना राखी की लाज निभाऊंगा
तेरे आत्म सम्मान के लिए दुनिया से लड़ जाऊंगा
मर कर भी तेरी राखी का कर्ज चुका न पाउँगा
हर जनम तुझे ही बहना रूप मैं पाऊ
आर्शीवाद एशा ही चाहू
राखी की ये डोर बांधे रखे तेरी मेरी डोर
कुछ भी हो जाए पर टूट न पाए ये डोर
मेरी बहना कसके बाँध इस राखी की डोर
गाथा है स्नेह भरी
पिता पुत्र की लगाव भरी
हाथ थामे चले जब
हर मुस्किल आसान बनी तब
पिता ने संघर्ष की प्रेरणा का मंत्र दिया जब
सफलता मिली चहु और तब
पुत्र सर पे रखा जो हाथ
पूर्ण हुई अभिलाषा
पूर्ण हुए सब काज
छोड़ पुत्र को आर्शीवाद के संग
पिता पधार गए इश्वर संग
पुत्र करे रुंदन पुकार
एक बार चले आओ मेरे पिता आप
सुन के करुन पुकार
पिता कहे जीना सीखो मेरे बिना आप
तुझे छोड़ कहा जाऊंगा मेरे लाल
तेरी यादो मैं रहूँगा मेरे लाल
लहू को स्याही बना
ख़त लिख डालु
जो आप की नजरे इनायत हो
तो पैगाम ऐ मोहोबत लिख डालु
हर साँस आप के नाम कर डालु
इकरारे मोहोबत जो हो
ये दिल आप के नाम कर डालु
चेहरा बेक्तित्व का आइना है
मुख मंडल अनकहे सब ब्येक़त कर देता है
सकल जैसी भी हो
भाव चहेरे पर उजागर हो ही जाते है
बेदना हो या खुशी
हर तस्वीर साफ़ नजर आती है
अक्कस ही सची पहचान है
इसलिए कहते है
दर्पण झूट नही कहता है
ये शहर मुस्कराने लगा
फूल जिन्दगी के चुनने लगा
धुप नई खिलने लगी
फूलो में रंगत आने लगी
बात फिर जो अमन की होने लगी
सब अच्छा होने लगा
खाब सच होते दिखने लगे
अमन की हवा जो चली
मौसम बदलने लगे
ये शहर मुस्कराने लगा
श्याम नाम तेरी महिमा बड़ी अप्पार
वृन्दावन की हर गली गली गूंजे तेरा ही नाम
कोई कहे राधे श्याम
कोई कहे मेरे गिरधर गोपाल
ना कोई जाति ना भाव
ना कोई महजब ना जात
सब एक ही स्वर से पुकारे तेरा ही नाम
हर दिल बसे तू घनश्याम
तेरी लीला है अपरम्पार
तेरी बांसुरी की तान पे हर दिल कुर्बान
कोई बन जाए मीरा तो
कोई करे तेरा बखान
श्याम तेरे नाम की महिमा बड़ी अप्पार
गीतों भरी कहानी है
हर ख्याल रूमानी है
फिजा मतवाली है
दिल आसिक मिजाजी है
समां प्यार भरी पाती है
परवाना इश्क की बाती है
गीतों भरी कहानी है
जुबा पे चली आई जो
वो प्यार भरी कहानी है
सितारों मैं लिपटी प्रेम कहानी है
एक अजनबी से दिल लगी की जुबानी है
गीतों भरी कहानी है