RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, July 30, 2009
दिल
अम्बर गरजे घटा डोले मेघा बरसे
प्यासा मन मिलन राग गाये
कलियाँ खिले पपहिया कूहूकूहू बोले
मन बसंती प्रियतम की राह तपें
दिल डोले नयना बोले
साजन संग ह़र दिन होली ह़र दिन दिवाली लगे
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