जीवन एक अजबूझ पहेली
कभी धुप तो कभी छाँव
मौसम बदले रंग हजार
मानव मन बदले बार बार
अपनापन एक सपना है
जो सबसे बड़ा धोखा है
मन अशांत दिमाग अस्थिर
क्रोध की लावा आँखों में
जीवन सत्य यही
नेकी कर दरिया में डाल
जीना है खुशी से
ना किसी से नाता जोड़
ना गैरों को अपना
यह कठिन वचन सदैव अपना
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