आ साथी अब लौट चले
मन प्रियतम के पास चले
सागर की लहरों को
उनका नाम ना मिटाने दे
आ साथी अब लौट चले
जिनके संग सालों की डोर बंधी
आ उनके पास चले
भीड़ में वे खो जाये
इसके पहले उनके पास चले
आ साथी अब लौट चले
दिन ढल जाय रात आ जाय
दिलों की बात दिल में ना रह जाय
आ अब लौट चले
उनके संग सारा जहाँ रोशन करे
आ साथी अब लौट चले
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